मैं सभी यूक्रेनियन और रूसियों के साथ खड़ा हूं।
जरा देखिए कि लीबिया, लेबनान, फिलिस्तीन, इराक, अफगानिस्तान, सीरिया आदि का क्या हुआ।
मेरा दिल में सभी यूक्रेनियन और रूसियों के लिए है। मुझे उम्मीद है कि इस संघर्ष को समाप्त कर देंगे।
जब इराक, लीबिया, अफगानिस्तान और सीरिया जैसे देशों पर हमला किया तो फीफा ने प्रतिबंध नहीं लगाया। वे राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं फीफा और यूईएफए सोचते हैं कि केवल इंसान हैं,
रुको, रुको, रुको ...
यह इराक है, यूक्रेन नहीं ...
जब दुनिया को इंसानियत की चिंता नहीं थी
तो अब भी परेशान होने की जरूरत नहीं है...!
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